Uromyces pisi
फफूंद
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पत्तियों के दोनों तरफ़ के साथ-साथ डंठलों पर कत्थई रंग की बीजाणु परत नज़र आती है। सूखे मौसम में, ये बीजाणु परतें फैल जाती हैं। पत्तियाँ टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं तथा संपूर्ण पौधे की वृद्धि बहुत कम होती है। फिर भी, उपज में थोड़ी ही कमी आती है।
क्षति का प्रायः रोग की बाद की अवस्थाओं में पता चलता है। अधिकाँश मामलों में उपचार आवश्यक नहीं होता क्योंकि आय की हानि बहुत कम होती है।
टेबुकोनाज़ॉल पर आधारित कवकनाशकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कवक बल्लार (बेल बींस, बाकला या इंग्लिश बींस के नाम से भी जाना जाता है), वेच तथा स्पर्ज की प्रजातियों पर शीत-शयन करता है। यह वहाँ से वसंत में मटर के पौधों पर फैलता है। सार्दियों में कवक नए मेज़बान पर चला जाता है।