Herbicides Growth Regulators
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लक्षण मुख्य रूप से युवा, बढ़ती पत्तियों पर देखे जाते हैं और पत्तियों के तह होने, झुकने या मुड़ने, तनों, डंठलों और शिराओं के लंबे होने के रूप में देखे जा सकते हैं। तने और डंठल लम्बाई में बढ़ते हैं और साथ पर फुंसियाँ दिखती हैं जो देखने मे बंधे हुए (स्ट्रैपिंग) या "विचेस हैंड" की तरह दिखते हैं। पत्तियों की नसें जाल के बजाय एक दूसरे के समानांतर चलती हैं और ये पीले से सफ़ेद और फिर भूरे रंग की हो कर बदरंग हो जाती हैं। पुरानी पत्तियों या विकसित बीजकोष जैसे परिपक्व पौधों के हिस्सों को कोई नुकसान नहीं होता है।
इस स्थिति के लिए कोई जैविक उपचार उपलब्ध नहीं है। नुकसान को आरंभ में ही कम करने में रोकथाम और कृषि के अच्छे कार्य मुख्य हैं।अधिक मात्रा के उपयोग की आशंका वाले मामले में, पौधों को अच्छी तरह से धोना या साफ़ करना मददगार हो सकता है।
यदि उपलब्ध हो, तो निवारक उपायों और जैविक उपचारों को हमेशा एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ अपनाएं। तृणनाशक छिड़काव की योजना बनाने से पहले, सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि आप किस प्रकार के खरपतवार पर काम कर रहे हैं (मूल रूप से चौड़ी घास बनाम घास) और इस उद्देश्य के लिए कोई अन्य विधि इससे बेहतर नहीं है। सावधानीपूर्वक तृणनाशक का चयन करें, लेबल को ध्यान से पढ़ें और निर्देशों का पालन करें, सुझाई गयी मात्रा ही प्रयोग करें।
कपास के पौधे 2, 4-डी या डाइकंबा के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं, विशेष रूप से ऊंची जगह वाले कपास के गोसिपियम हरसुटम और पीमा कपास जी. बारबाडेंस। ये तृणनाशक फ़ेनॉक्सी एसिटिक अम्ल या सिंथेटिक ऑक्सिन (समूह I) के समूह से संबंधित हैं और इनका उपयोग चौड़ी पत्तियों वाली प्रजातियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। गलत समय पर उपयोग, गलत सूत्रीकरण का चयन या साधारणतया प्रतिकूल मौसम की स्थिति के परिणामस्वरूप बहाव हो सकता है, जो कपास के पौधों को प्रभावित करता है। संदूषण पड़ोसी खेतों से भी हो सकता है। ख़राब कार्य प्रणाली के कारण पौधों पर पिछला बलाघात लक्षणों को और अधिक ख़राब कर सकता है। लक्षण कब तक देखने को मिलते हैं वो मात्रा पर निर्भर करता है और कुछ गाँठों से लेकर पूरे पौधे तक हो सकता है, यदि दरें विशेष रूप से अधिक हों। यह समझना महत्वपूर्ण है कि तृणनाशक की कम खुराक भी फसलों को नुकसान पहुंच सकती हैं।