Wind Damage on Citrus
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लक्षणों को प्रायः तैला की क्षति जैसा समझा जाता है। छोटे पेड़ों की ऊपरी जड़ें और भूमि के स्तर की छाल पर बालू के कणों के कारण रगड़ के चिन्ह (सैंडब्लास्टिंग) दिखाई देते हैं। पत्तियों और तनों पर भी रगड़ के कारण घाव होते हैं, किंतु वहां पर नुकसान अधिक गंभीर होता है। हवा के दवाब के कारण विकास की दर और उपज कम हो सकती है, और हवा के समक्ष वाले हिस्से में कम या कोई भी फल नहीं दिखाई दे सकते हैं। बाद के मौसम में, छोटे फल (व्यास में 8 मिमी) हवा से क्षति के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। छिलके पर एक या अनेक आड़े या तिरछे भूरे निशान दिखाई देते हैं। तैला के कारण हुई क्षति की तुलना में, हवा से हुई क्षति की विशेषता फलों पर साफ़ ऊतकों के छोटे हिस्सों का दिखाई देना है, जबकि तैला या थ्रिप्स में निरंतर निशान दिखाई देते हैं। तेज़ हवाएं शाखाएं तोड़ या मोड़ देती हैं या पेड़ों को उखाड़ देती हैं।
पहले क्षति का अनुमान लगाएं। इसके विस्तार तथा विकास के चरण के अनुसार निर्धारित करें कि क्या पेड़ों को बचाया जा सकता है या नहीं। क्षतिग्रस्त शाखाओं और फलों को काटने या छँटाई के औज़ारों की मदद से हटा दें। जहाँ जीवाणु सम्बन्धी या कवकीय रोग चिंता का विषय हैं, वहाँ, विशेषतः नम मौसम में, जैविक लेपों का प्रयोग करें।
हमेशा निरोधात्मक उपायों के साथ जैविक उपचारों, यदि उपलब्ध हों, का समावेश कर समन्वित दृष्टिकोण अपनाने पर विचार करें। उपचार विकास के चरण तथा क्षति की तीव्रता पर निर्भर करता है। गंभीर मामले में, कवकीय तथा जीवाणु के कारण होने वाले रोगों से बचाव पर उपचार का ध्यान होना चाहिए, उदाहरण के लिए, क्षतिग्रस्त शाखाओं को काट कर साफ़ करना और कवकरोधी और जीवाणुनाशक लेपों का प्रयोग करना।
लक्षण हवा के कारण होते हैं और बिना हवा के अवरोधकों वाले असुरक्षित इलाकों में विशेष चिंता का विषय हैं। यदि हवा लगातार तथा/अथवा तेज़ हो, तो साइट्रस की फ़सल का एक बड़ा प्रतिशत गुणवत्ता की दृष्टि से ख़राब हो सकता है या ठुकराया जा सकता है। छोटे फलों पर पुरानी पत्तियों के सतह पर रगड़ने से चिन्ह बन जाते हैं। बदरंग होने का कारण एक सुरक्षात्मक, खुरदरी सतह का बनना है। एक बार जब फल आकार में 3 सेंटीमीटर का हो जाता है और उसका छिलका सख़्त हो जाता है, तब क्षति मुख्यतः सूखी टहनियों और शाखाओं के रगड़ने के कारण होती है। ऊतकों में क्षति जीवाणुओं और कवकों के लिए ऊतकों में प्रवेश करने और बसने और अधिक क्षति पहुंचाने का अवसर होती है। विशेषकर, सूखी हवाएं पत्तियों के झड़ने, वायु दाह तथा झुलसन के द्वारा पेड़ों को क्षति पहुंचाती हैं, जिससे पत्तियाँ मर जाती है और फलों पर निशान पड़ जाते हैं।