Fruit Deformation
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बहुत-सी छोटी, बाल जैसी दरारे टमाटर की त्वचा पर होती है जो कि अकसर संकेन्द्रित (एक ही जगह पर होना) होती है। उपत्वचा धूसर रंग वाली अवस्था में आना शुरू हो जाती है। दरारें केवल कुछ मिलीमीटर लम्बी और अकसर परिपक्वता की शुरूआत में चारों ओर दिखायी पड़ना शुरू हो जाती हैं। सीधे तौर पर कीटनाशकों की अधिकता वाले (वे फल जिन पर कीटनाशकों का अधिक प्रयोग किया गया हो) फल विशेषतया इस प्रकार के हानि के विकास को प्रवृत्त करते है। कीटनाशक आन्तरिक त्वचा की लचक को झुलसा देता है और दरारों को बढ़ावा देता है।
इस बीमारी के लिए कोई जैविक उपचार उपलब्ध नहीं है। इसका उपचार केवल रक्षक उपायों से किया जा सकता है।
यदि उपलब्ध हो तो रक्षक उपायों और जैविक उपचारों को एकीकृत रूप से अपनायें। इस बीमारी का उपचार केवल रक्षक उपायों द्वारा ही किया जा सकता है, यह बीमारी अपरिवर्तनीय है (विकार एक बार उत्पन्न होने के बाद उसका वापस ठीक होना सम्भव नहीं होता है।) फिर भी इस विकार के लक्षणों से बचनें के लिए कीटनाशकों के अधिकतम और मिश्रित प्रयोग से बचें।
इससे दैहिक विकार में बढ़ती हुई दरारों का भ्रम हो जाता है, जबकि गेरूआपन अपेक्षाकृत छोटा, थोड़ा और सतही होता है। यह अकसर ग्रीन हाउस के आर्द्र वातावरण और मिट्टी की नमी में कमी या बढ़त और दिन / रात के तापमान से सम्बद् होता है। पानी के अनुचित स्तर (सूखा, पानी / वर्षा, बाढ़ की अनिश्चितता) पोषक तत्वों की बढ़त या कमी और प्रकाश की तीव्रता भी कारण हो सकते हैं। अंत में ग़लत या अधिक मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग भी स्थिति को खराब कर सकता है। फल विशेषतया कमजोर होते है क्योकि उनके अग्रभाग बढ़ते हुए होते है तथा पानी और पोषक तत्वों के लिए उन्हें नयी टहनियों के साथ भी संघर्ष करना पड़ता है।