Phytoplasma spp.
बैक्टीरिया
फ़ाइटोप्लाज़्मा संक्रमण के कारण रोग के अनेक लक्षण दिखाई देते हैं, किंतु रोग को कसावा पौधों के शीर्ष पर पत्तियों की झाड़ू जैसी बनावट के कारण यह नाम मिला है। प्रायः, आमतौर पर इसके कारण सुषुप्त टहनियाँ बढ़ने लगती हैं, जिसकी वजह से पौधे के शीर्ष पर छोटी, पीली पत्तियाँ उभर आती हैं और पौधा "सीक वाली झाड़ू" जैसा दिखने लगता है। निचली तनों पर हल्की सूजन होने के साथ-साथ पत्तियों में मुड़ाव और चित्तीदार हरी और पीली आकृतियाँ भी दिखाई देती हैं। जड़ें पतली और लकड़ी जैसी बढ़ती हैं, जिनकी बाहरी परत मोटी होती है और इनमें गहरी दरारें पड़ जाती हैं। कभी-कभी दरारें जड़ के चारों ओर घेरा बना लेती हैं, जिसके कारण पौधे के ऊपरी हिस्सों तक पानी और पोषक पदार्थ नहीं पहुँच पाते हैं, और इनमें अजीब सी बढ़त नज़र आने लगती है।
कसावा की कलमों और बीजों का रोपण से पूर्व 0.01% स्ट्रेप्टोमाइसिन घोल से छह घंटों के लिए शोधन कसावा पौधों की मृत्यु दर कम करने और बीजों के लिए अंकुरण दर बढ़ाने का एक प्रभावी उपाय है। रोगवाहक कीटों की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कुछ परजीवी हड्डों का उपयोग किया जा सकता है।
हमेशा एक समेकित दृष्टिकोण अपनाएं जिसमें निरोधात्मक उपायों के साथ, यदि उपलब्ध हों, तो जैविक उपचारों का समावेश भी होना चाहिए। कसावा के फ़ाइटोप्लाज़्मा रोग के लिए, इस समय कोई भी 100% प्रभावी रासायनिक उपचार उपलब्ध नहीं है। कलमों और बीजों का एंटीबायोटिक उपचार जड़ों की उपज और स्टार्च की मात्रा काफ़ी हद तक बढ़ा देता है और फ़ाइटोप्लाज़्मा की महामारी के नियंत्रण के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
लक्षणों का कारण जीवाणु जैसे जीव होते हैं, जिन्हें फ़ाइटोप्लाज़्मा कहते हैं। ये सिर्फ पौधों के संवहनी तंत्र में ही जीवित रह सकते हैं। यह मुख्यतः मीलीबग जैसे कुछ कीटों की भक्षण आदतों से प्रसारित होता है जो कसावा पौधों का रस चूसते हैं। प्रसार का एक अन्य बड़ा तरीका खेतों और इलाकों के बीच संक्रमित पौधों की सामग्री का परिवहन और इस्तेमाल है। यह रोग अनेक देशों में कसावा उद्योग के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। जब फ़ाइटोप्लाज़्मा रोग कसावा पौधों को उनके विकास के आरंभिक चरण में प्रभावित करता है, तो इसकी महामारी के कारण कभी-कभी उपज का सम्पूर्ण नुकसान हो सकता है। कुछ देशों में संक्रमित पौधों के पदार्थों के परिवहन को रोकने के लिए क्वारन्टीन उपाय हैं और उन्हें आगे और मज़बूत किया जा सकता है।