शिमला मिर्च एवं मिर्च

फल की नोक की सड़न (ब्लॉसम एंड रोट)

Calcium Deficiency Rot

कमी

संक्षेप में

  • कच्चे फलों के नीचे तल पर भूरे या स्लेटी दाग़।
  • फलों के अन्दर काली सड़न भी पैदा हो सकती है।

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लक्षण

ब्लॉसम एंड रोट का फलों की नोक पर एक अनियमित धब्बे से पता चलता है। धब्बे का आकार और रंग अलग-अलग हो सकता है। शुरू में यह हल्के हरे रंग का होता है। जैसे-जैसे फल पकता है यह भूरा या काला होता जाता है। फल के ऊतक एकरूपता खोने लगते हैं और फल ढीला होने लग जाता है, तथा धँसने लगता है और नोक चपटी हो जाती है। हो सकता है कि फल अंदर से सड़ जाएं और बाहर हल्के या बिल्कुल भी लक्षण न दिखाई दें।

सिफारिशें

जैविक नियंत्रण

कैल्शियम युक्त पदार्थों, जैसे कि शैवाल युक्त चूना पत्थर, बेसाल्ट चूर्ण, जला हुआ चूना, डोलोमाइट, जिप्सम और लावा चूने को मिट्टी में डालें।

रासायनिक नियंत्रण

यदि उपलब्ध हो, तो जैविक उपचार के साथ बचाव के उपाय भी साथ में करें। कैल्शियम क्लोराइड का पत्तियों पर छिड़काव आपातकालीन उपाय के रूप में करें, लेकिन अक्सर या ज़्यादा मात्रा में छिड़काव न करें।

यह किससे हुआ

ब्लॉसम एंड रोट एक शारीरिक विकार है जो कि फल के ऊतकों में कैल्शियम की कमी के कारण होता है। कोई कीट या रोगाणु शामिल नहीं हैं। कैल्शियम से ऊतकों की शक्ति और मज़बूती बढ़ती है। मिट्टी में अगर यह पोषक तत्व नहीं होता या पौधा इसे सोख नहीं पाता और फलों तक नहीं पहुँचा पाता तो कैल्शियम की कमी हो सकती है। इससे ऊतक की संरचना खराब हो जाती है, जिससे काले, धंसे हुए क्षेत्र विकसित हो जाते हैं। अनियमित सिंचाई या जड़ों को नुकसान होने से कैल्शियम की कमी हो सकती है।


निवारक उपाय

  • मिट्टी का पीएच लेवल ठीक करें, जैसे चूने के द्वारा।
  • मिट्टी को गीला रखने के लिए पलवार का उपयोग करें।
  • खेती के गहन तरीकों से जड़ों को क्षति पहुँचने से बचाएं।
  • सुनिश्चित करें कि उर्वरीकरण में नाइट्रोजन की कमी और कैल्शियम की अधिकता रहे।
  • सूखे मौसम में नियमित सिंचाई का ध्यान रखें।
  • ज़रूरत से ज़्यादा पानी न दें और खेतों में पानी का निकास मार्ग अच्छा रखें।
  • खेती के समय जड़ों को नुकसान न हो, इसका ध्यान रखें।
  • नाइट्रोजन का अमोनियम की जगह नाइट्रेट वाले रूप काम में लें।

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