Kophene cuprea
कीट
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लार्वा पत्तियों के पर्णहरित (क्लोरोफिल) को खुरच देते हैं और फिर अनियमित आकार के छेदों से भर देते हैं। ये छेद अलग-अलग चकत्ते बनाते हैं।
आज तक हम इस कीट के विरुद्ध उपलब्ध किसी भी जैविक नियंत्रण विधि के बारे में नहीं जान पाए हैं। अगर आप लक्षणों की गंभीरता या संभावना को कम करने के किसी सफल तरीके के बारे में जानते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें।
अगर उपलब्ध हों, तो हमेशा जैविक उपचार के साथ निवारक उपायों के मिलेजुले दृष्टिकोण पर विचार करें। आज तक हम इस कीट के विरुद्ध उपलब्ध किसी भी रासायनिक नियंत्रण विधि के बारे में नहीं जान पाए हैं। अगर आप लक्षणों की गंभीरता या संभावना को कम करने के किसी सफल तरीके के बारे में जानते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें।
कोफ़ीन कपरिया के लार्वा के कारण नुकसान होता है। वयस्क पतंगा भूरे रंग का है। बैग वर्म अपनी सर्दियाँ अंडों के रूप में (300 या ज़्यादा) उन थैलियों के अंदर बिताते हैं जो पिछले साल मादाओं के लिए कोकून का काम कर रही थीं। अंडों से रेंगकर बाहर निकलने के बाद लार्वा खाना शुरू करता है। हर लार्वा रेशम और पौधे की कुछ सामग्री का इस्तेमाल करके एक थैली बना लेता है जो भोजन करने और विकास करने के दौरान उसके लिए छलावरण का काम करता है। बैग वर्म की इल्ली लगभग छह सप्ताह तक भोजन करती है, उसके विकास के साथ थैली बड़ी होती जाती है और अगर उसे कोई परेशान करता है तो वह थैली में वापस घुस जाती है। बड़े लार्वा सदाबहार पेड़ों के कांटों को समाप्त कर देती हैं और पूरी की पूरी पत्तियाँ खा जाती हैं, जिसके कारण सिर्फ़ बड़ी शिराएं ही बच पाती हैं। भूरे लार्वा शंकुकार थैलियों के अंदर रहते हैं। पतझड़ की शुरुआत में, बड़े लार्वा अपनी थैलियों को टहनियों से चिपका कर प्यूपीकरण के चरण से गुज़रते हुए वयस्क बन जाते हैं।