Cerosterna scabrator
कीट
कीड़े मुख्य तने की छाल पर छेद करके अंदर का रस पीते हैं। वयस्क भौंरे दिन में सक्रिय रहते हैं और नई शाखाओं की हरी छाल चबाते हैं। मुख्य तने की छाल पर छेद, मल उत्सर्जन और सूखा पाउडर जैसा पदार्थ आम तौर पर पौधों के आधार के पास दिखता है। कोलेस्टर्ना स्पिनेटर अनार के पेड़ों का ही कीट नहीं है। असलियत में यह एक सर्वाहारी कीट है जो कम क्षति पहुंचाता है। यह मृत लकड़ी में प्रजनन पसंद करता है लेकिन जीवित शाखाओं पर भी हमला करता है।
डेम्सेल कीड़े, एल्म लीफ भौंरे, कुछ मकड़ियाँ, बिग आई कीट (जिओकोरिस प्रजाति), कीट-परजीवी टैकोनिड मक्खियां या ब्रेकोनिड ततैया तना बेधकों की प्राकृतिक शत्रु हैं।
हमेशा एक समेकित दृष्टिकोण से रोकथाम उपायों के साथ-साथ उपलब्ध जैविक उपचारों को अपनाएं। छेदों का उपचार उचित कीटनाशक के इंजेक्शन से करें और छेदों को सूखी चिकनी मिटटी से बंद कर दें। फोलिअर स्प्रे के साथ क्लोरपायरीफ़ॉस (0.05%) का पत्तियों पर छिड़काव भी तना बेधकों की आबादी कम करने में सहायक है।
उपरोक्त लक्षण कोलेस्टर्ना स्पिनेटर और वंश ज़्युज़ेरा की विभिन्न प्रजातियों के लार्वा के कारण होते हैं। प्यूपा में से वयस्क भौंरे छाल में एक गोलाकार छेद बनाते हुए निकलते हैं। वे हलका पीलापन लिए हुए कत्थई रंग के और लंबाई में करीब 30 से 35 मिमी. होते हैं। उनके पंख के खोल हलके भूरे रंग के होते हैं जिन पर विभिन्न आकार के काले धब्बे होते हैं और उनकी लंबी नीली सी टांगें होती हैं। मादाएं छोटे तनों की छाल के नीचे एक अंडे देने वाली गुहा में 20 से 40 अंडे देती हैं। करीब दो सप्ताह बाद अंडे फूटने पर कीड़े अपने आसपास के कोमल ऊतकों को खाना शुरू कर देते हैं और फिर तनों और जड़ों में छेद बनाते हैं। लार्वा अवधि नौ से दस महीने तक की होती है।