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मखमली बीन इल्ली (वेल्वेटबीन कैटरपिलर)

Anticarsia gemmatalis

कीट

संक्षेप में

  • भक्षण से पर्ण समूह और पूरी पत्तियों को नुकसान पहुंचता है।
  • भक्षण से कलियों, छोटी बीन फली और तनों को नुकसान पहुंचता है।

में भी पाया जा सकता है

5 फसलें

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लक्षण

मखमली बीन पतंगों के सुंडी अपने परपोषी पौधों के पत्तों पर हमला करते हैं। सबसे पहले, युवा लार्वा नरम ऊतकों को खाते हैं। वयस्‍क शिराओं सहित पूरे पत्तों को खाते हैं। बाद के चरणों में लार्वा कलियों, छोटे बीन फलियों और तनों को खाते हैं। वे अधिकतर रात्रि के दौरान सक्रिय होते हैं। वे बहुत बड़ी संख्या में होते हैं और यदि वे नियंत्रित नहीं किए जाएं तो बीन या अन्य फलीदार पौधों के खेतों को एक सप्ताह के भीतर पूरी तरह से तबाह कर सकते हैं।

सिफारिशें

जैविक नियंत्रण

मखमली बीन पतंगों का मुकाबला करने के लिए प्राकृतिक शत्रु का प्रयोग करें, उदाहरण के लिए यूप्‍लेक्‍ट्रस पुटलेरी और मेटियोरस ओटोग्राफ़े जैसी ततैये परजीवियों की कई प्रजातियां। अन्य पाए गए परभक्षियों में ग्राउंड बीटल, टाइगर बीटल, रेड फायर चींटी या टेकिनिड मक्खी विन्थेमिया रफ़ोपिक्‍टा शामिल हैं। हड्डी वाले परभक्षी जैसे कि पक्षी, मेंढक और कृन्तक भी मखमली बीन पतंगों की आबादी को कम करते हैं। मखमली बीन पतंगों की आबादी को कम करने के लिए रोगजनकों का उपयोग करें, उदाहरण के लिए बैक्टीरिया बैसिलस थुरिंजियेंसिस आदि।

रासायनिक नियंत्रण

यदि उपलब्ध हो, तो जैविक उपचार के साथ-साथ निवारक उपायों की एकीकृत पद्धति पर हमेशा विचार करें। कीटनाशक से निवारक उपचार करने से कीट को नियंत्रित करने में सबसे आशाजनक परिणाम मिलते हैं।

यह किससे हुआ

एंटीकर्सिया गेमेटलिस के वयस्क पतंगों के पंख 30 से 40 मिमी तक फैल सकते हैं। आगे के पंख राख जैसे स्लेटी रंग से लेकर हल्के पीले-भूरे या गहरे लाल-भूरे रंग के होते हैं। पिछले पंख हल्के भूरे होते हैं, जिनके किनारे के नज़दीक हल्‍के रंग के धब्बे की एक पंक्ति होती है। जब पंख फैले हुए होते हैं, तो एक गहरी विकर्ण रेखा दोनों पंखों के बीच में दिखाई देती है। अंडे से बच्‍चे निकलने से ठीक पहले तक वे थोड़े से गोलाकार, धारीदार और सफ़ेद होते हैं और बच्‍चे निकलने के समय वे गुलाबी हो जाते हैं। उन्हें पत्तियों के नीचे एक-एक करके दिया जाता है। तीन से सात दिनों के बाद अंडों से बच्‍चे निकलते हैं और लार्वा उस अंडे के खोल को खाते हैं जिनसे वे निकले हैं। मखमली बीन के पतंगों के लार्वा के रंग और धारियों में सम्‍पूर्ण अवस्‍थाओं में अत्‍यधिक भिन्‍नता होती है। युवा पतंगों को कभी-कभी सोयाबीन लूपर्स (स्यूडो प्लुसिया इंक्लुडेंस) के रूप में गलती से पहचाना जाता है। प्यूपा अवस्‍था से पहले, लार्वा 25 मिमी की लंबाई तक सिकुड़ जाते हैं और महोगनी भूरे रंग में बदल जाते हैं। प्‍यूपा हल्के हरे से भूरे रंग में बदल जाते हैं और लगभग 20 मिमी लंबे होते हैं। यह मिट्टी की सतह के सीधे नीचे रहते हैं। गर्मियों के दौरान जीवन चक्र लगभग चार सप्ताह में पूरा हो जाता है और तापमान कम होने पर इस जीवन चक्र में अधिक समय लगता है। प्रतिवर्ष इनकी पीढ़ियों की संख्या अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होती है।


निवारक उपाय

  • सहनशील किस्‍मों की रोपाई करें।
  • जल्‍दी पकने वाली प्रजाति की खेती करें।
  • जल्दी कटाई के लिए जल्दी फसल लगाएं।
  • अपने पौधों की सावधानीपूर्वक निगरानी करें और कीटों की अत्‍यधिक संख्या होने पर रोग प्रबंधन उपायों को लागू करें।
  • फ़ेरोमोन जाल का उपयोग करें।

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