जैतून

जैतून की छाल खाने वाला गुबरैला (बार्क बीटल)

Phloeotribus scarabaeoides

कीट

संक्षेप में

  • पेड़ की छाल पर प्रवेश के छेद दिखाई देते हैं।
  • छाल के नीचे आड़ी सुरंगें होती हैं।
  • टहनियों और शाखाओं की छाल उतर जाती है और वे मुरझा जाते हैं।

में भी पाया जा सकता है

1 फसलें
जैतून

जैतून

लक्षण

वयस्क मादाएं छाल के बिल्कुल नीचे की परत में कई छेद कर देती हैं और प्रवेश बिंदुओं की दोनों तरफ़ आड़ी सुरंगें खोद देती हैं। टहनी या शाखा के भीतर, मादा 60 के लगभग अंडे देती है और लार्वा निकलते ही नरम लकड़ी में ऊपर या नीचे की तरफ़ छेद करना शुरू कर देते हैं। भोजन की इस प्रक्रिया से टहनी या शाखा की छाल चारों ओर से पूरी तरह उतर जाती है, जिससे उसकी संरचना कमज़ोर हो जाती है और संवहनी ऊतकों को नुकसान पहुँचता है। भोजन की इन पंक्तियों के अंदर लार्वा प्यूपा बनाते हैं। जैतून के पेड़ों के अलावा, गुबरैला ओलियेंडर (नेरियम ओलियेंडर), कभी-कभी ऐश (फ़ैक्सिनस एक्सेल्सियर) और लाइलैक (सिरिंजा वल्गैरिस) पर भी भोजन करते हैं।

सिफारिशें

जैविक नियंत्रण

गुबरैला पर अनेक परिवारों के कई परजीवी ततैया हमला करते हैं। इनमें से किसी प्रजाति को खेत में छोड़ने पर इसके नियंत्रक प्रभाव हर साल बदल सकते हैं। ऑलिव बार्क बीटल का सबसे प्रभावी प्राकृतिक शिकारी परजीवी ततैया केरोपैकस क्वाडरम है, जो कीट की आबादी को 30-50% तक कम कर सकता है। प्राकृतिक शिकारियों पर पायरेथ्रॉइड पर आधारित कीटनाशकों के इस्तेमाल से बुरा असर पड़ सकता है।

रासायनिक नियंत्रण

अगर उपलब्ध हो तो हमेशा जैविक उपचार के साथ निवारक उपायों के मिलेजुले दृष्टिकोण पर विचार करें। एथिलीन पर आधारित फ़ेरोमोन जालों का इस्तेमाल करके गुबरैला को आकर्षित करने का सुझाव दिया जाता है। डेल्टामेथ्रीन जैसे पायरेथ्रॉइड पर आधारित कीटनाशकों को लगाने से गुबरैला की आबादी को भारी मात्रा में कम किया जा सकता है। इन दोनों विधियों को साथ में इस्तेमाल करके भी अच्छे नतीजे प्राप्त हुए हैं।

यह किससे हुआ

लक्षण का कारण ऑलिव बार्क बीटल (जैतून का छाल गुबरैला) है, जिसकी परिस्थितियों पर निर्भर करते हुए, हर साल 2 से 4 पीढ़ियाँ पैदा हो सकती हैं। वसंत में और गर्मियों की शुरुआत में वयस्क जीवित पेड़ों के बजाय पेड़ों की काटी गई शाखाओं और आग जलाने के काम आने वाली जैतून की लड़की के गट्ठर में अंडे देती हैं। लार्वा ज़ाइलोफ़ेगस होते हैं, यानी वे विशेष रूप से लकड़ी पर भोजन करते हैं। कीट आसपास के नए खेतों में उड़कर पहुँच सकते हैं। गंभीर संक्रमण से फूलों और जैतून के फलों की संख्या कम हो सकती है, नतीजतन फसल को 70% तक नुकसान हो सकता है। इस तरह के संक्रमण के बाद 5 साल तक जैतून के बागों में कोई उत्पादन नहीं हो पाता। नए पेड़ अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि क्षति मुख्य तने को घेर सकती है।


निवारक उपाय

  • संक्रमित शाखाओं को काट कर बागान से दूर जला दें या मिट्टी में दबा दें।
  • यही प्रक्रिया पेड़ के कचरे और छंटाई की सामग्री के साथ भी की जानी चाहिए।
  • कीट की उपस्थिति के लिए जैतून के पेड़ों की निगरानी करें।
  • शाखा पर प्रति मीटर 3 से अधिक कीट पंक्तियाँ होने पर जैतून की उपज में कमी की उम्मीद की जा सकती है।
  • सुनिश्चित करें कि जैतून के छाल को खाने वाले गुबरैले के वैकल्पिक मेज़बान बगीचे के नज़दीक नहीं हैं।
  • छाल गुबरैला के प्रति पेड़ के प्राकृतिक प्रतिरोध को बढ़ाने के लिए संतुलित उर्वरीकरण इस्तेमाल करें।

प्लांटिक्स डाउनलोड करें