सेब

कॉडलिंग मॉथ

Cydia pomonella

कीट

संक्षेप में

  • फलों पर छिद्र जो कि अक्सर एक लाल छल्ले और कीटमल से घिरे रहते हैं।
  • फल के अंदर सुरंगें बनना और फल सड़ना।
  • जब फल को काटकर खोला जाता है तो कई बार सूड़ी केंद्रीय भाग में दिखाई देती हैं।
  • क्षतिग्रस्त फल समय से पहले पककर गिरने लगते हैं या फिर बाज़ार में बेचने योग्य नहीं रह जाते हैं।

में भी पाया जा सकता है

6 फसलें
बादाम
सेब
खुबानी
मक्का
और अधिक

सेब

लक्षण

क्षति का कारण लार्वा है जो कि फलों के अंदर भक्षण करता है। छिलके पर छोटे-छोटे प्रवेश बिंदु दिखते हैं जो असफल प्रवेश के कारण बनते हैं। यानि या तो प्रवेश करते-करते लार्वा मर जाता है या फिर इसे छोड़कर किसी अन्य स्थान से घुसने का प्रयास करता है। सफल प्रवेश की स्थिति में लार्वा फल के गूदे में घुस जाता है और केंद्रीय भाग में पहुंचकर बीज खाता है। प्रवेश छिद्र एक लाल वलय से घिरे रहते हैं जिनके आसपास लाल-भूरा, भुरभुरा लार्वा कीटमल एकत्र रहता है। जब फल को काटकर खोला जाता है तो कभी-कभी केंद्रीय भाग में छोटी-छोटी सफेद सूड़ियां नज़र आती हैं। क्षतिग्रस्त फल समय से पहले पककर गिरने लगते हैं या फिर बाज़ार में बेचने योग्य नहीं रह जाते हैं। यदि अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है तो लार्वा उल्लेखनीय क्षति पहुंचा सकता है। किस्म और स्थान पर निर्भर करते हुए अक्सर 20 से 90 प्रतिशत फल प्रकोपित हो जाता है। भंडारित फलों में गहरे प्रवेश मार्ग बहुत गंभीर समस्या हो सकते हैं क्योंकि उनमें बैक्टीरिया या फफूंदी की बसावट हो जाती है जिससे सड़न होती है। देर से परिपक्व होने वाली किस्मों की तुलना में अगेती किस्मों में गंभीर क्षति की ज्यादा आशंका रहती है।

सिफारिशें

जैविक नियंत्रण

कॉडलिंग मॉथ ग्रैनुलोसिस वायरस (सीवाईडी-एक्स) साप्ताहिक अंतराल पर डाला जा सकता है, शुरुआत तब करते हैं जब पहली बार पतंगे या फलों पर छिद्र दिखाई देते हैं। कीट नियंत्रण के लिए स्पाइनोसैड जैसे कीटनाशकों की भी अनुशंसा की जाती है हालांकि ये अन्य बहुउद्देशीय घोलों की तुलना में कम प्रभावशाली होते हैं। इस कीट की अवयस्क अवस्थाओं में घुसने और उन्हें नष्ट करने वाले लाभकारी निमेटोड भी बाज़ार में उपलब्ध हैं। इस कीट को दूर भगाने के लिए गीली की जा सकने योग्य काओलिन क्ले (Kaolin Clay) का भी इस्तेमाल किया जा सकता है और यह क्षति 50-60% तक कम कर देती है।

रासायनिक नियंत्रण

निवारक उपायों के साथ-साथ जैविक उपचारों, यदि उपलब्ध हैं, पर हमेशा एक समेकित नज़रिये से विचार करना चाहिए। कीटनाशक छिड़काव और फेरोमोन ट्रैप की योजना बनाएं और उन्हें समन्वित करें। साप्ताहिक अंतराल पर कॉडलिंग मॉथ ग्रैनुलोसिस वायरस (सीवाईडी-एक्स) को डाला जा सकता है। इसकी शुरुआत पतंगे या फलों पर पहले छिद्र दिखने पर की जाती है। यह वायरस केवल पतंगों के लार्वा को प्रभावित करता है और इसका इस्तेमाल 1% तेल में मिलाकर छिड़काव द्वारा करना चाहिए। कीट नियंत्रण के लिए स्पाइनोसैड जैसे कीटनाशकों की भी अनुशंसा की जाती हैं हालांकि स्पाइनोसैड उतना ज्यादा विषाक्त नहीं है।

यह किससे हुआ

लक्षणों का कारण साइडिया पोमोनेला (Cydia pomonella) का लार्वा है। वयस्क केवल सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले और बाद में सक्रिय रहते हैं और सूर्यास्त तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने पर प्रजनन करते हैं। फूल आने से ठीक पहले वसंत या गर्मियों की शुरुआत में पतंगों की पहली पीढ़ी अंडों से बाहर निकलती है। एक या दो सप्ताह बाद वे उड़ना शुरू कर देते हैं। पतंगे फलों पर अंडे देते हैं, आम तौर पर एक फल पर एक। इन अंडों से छोटे-छोटे लार्वा निकलकर छिलका चबाते हैं और फलों में छिद्र करके घुस जाते हैं। सूड़ी को पूर्ण रूप से विकसित होने के लिए तीन से पांच सप्ताह लगते हैं। वयस्क लार्वा फलों से गिर जाते हैं और छिपने की जगह ढूंढ़ते हैं जैसे कि तने की दरारें। दूसरी पीढ़ी गर्मियों के अंत या शरद ऋतु की शुरुआत में अंडों से बाहर निकलती है। यह पीढ़ी पके फलों को तब तक क्षति पहुंचाती है जब तक कि वे शीतशयन के लिए कोई शरणस्थल नहीं ढूंढ़ लेते हैं।


निवारक उपाय

  • जल्द परिपक्व होने वाली किस्में चुनें।
  • फूल आने के 6-8 सप्ताह बाद प्रकोप के संकेतों के लिए पौधों और फलों की नियमित जांच करें।
  • पतंगों की निगरानी और उन्हें मारने के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
  • फूल आने के 4-6 सप्ताह बाद फ्रूट बैगिंग करके फलों की सुरक्षा की जा सकती है।
  • किसी कठोर ब्रश या स्पेशल बार्क स्क्रेपर से छाल पर से लार्वा हटा दें।
  • चिकनी छाल वाली किस्मों में तने के चारों ओर एक कार्डबोर्ड लगाकर पतंगे के लार्वा पकड़ें।
  • पेड़ों के कूड़ा-कर्कट और प्रकोपित फलों को हटा दें और बाग़ से कुछ दूर मिट्टी में गहरे दबाकर या जलाकर नष्ट कर दें।

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