धान

चावल के पीले धब्बों वाला विषाणु

RYMV

वाइरस

संक्षेप में

  • नई पत्तियों पर पीली धारियां और धब्बे।
  • पुरानी पत्तियों पर पीले से ले कर नारंगी रंग के धब्बे।
  • धारियों के केंद्र में गहरे रंग के धब्बे।

में भी पाया जा सकता है

1 फसलें

धान

लक्षण

नई पत्तियों पर पीले से हरे रंग के धब्बे आ जाते हैं। संक्रमण के बाद (2 सप्ताह में) ये धब्बे पत्तियों के शिराओं के समानांतर लम्बाई में बढ़ने लगते हैं। पीली धारियों के केंद्र में, गहरे धब्बे विकसित होने लगते हैं। पुरानी पत्तियाँ पीले से नारंगी रंग में बदरंग होने लगती हैं। पौधों का विकास रुक सकता है और उपज कम हो सकती है।

सिफारिशें

जैविक नियंत्रण

संक्रमित पौधों को नष्ट करें और संक्रमित पौधों के अवशेषों को जुताई कर अन्दर दबा दें या बेहतर होगा कि उन्हें जला दें।

रासायनिक नियंत्रण

यदि उपलब्ध हो, तो जैविक उपचारों और निवारक उपायों के एकीकृत दृष्टिकोण पर हमेशा विचार करें। विषाणु के नियंत्रण के लिए सीधे तौर पर कोई रासायनिक उपचार नहीं है।

यह किससे हुआ

इस विषाणु का प्रसार गुबरैलों तथा टिड्डों की कई प्रजातियों के साथ-साथ गायों, चूहों और गधों के द्वारा भी होता है। इसका प्रसार पौधों के रसों के बहाव के द्वारा भी होता है, उदाहरण के लिए, सिंचाई के पानी से या संक्रमित या स्वस्थ पौधों के बीच संपर्क से, तथा नष्ट न किये गए/जुताई किये हुए पौधों के अवशेषों से।


निवारक उपाय

  • अधिक प्रतिरोधी प्रजातियों को रोपें।
  • फसल के अवशेषों को जला दें।
  • नियमित रूप से खर-पतवार हटाएं।
  • कीटों पर नियंत्रण रखें।
  • अधिक आबादी से बचने के लिए बुआई जल्द करें।
  • संक्रमित पौधों को नष्ट कर दें और संक्रमित पौधों के अवशेषों को जुताई कर के दफ़ना दें या बेहतर होगा कि उन्हें जला दिया जाए।

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