Peronosclerospora sorghi
फफूंद
पत्तियों की ऊपरी और निचली सतह दोनों पर सफ़ेद कोमल फफूंदी बन जाती है। गाँठों के बीच का स्थान छोटा रह जाने के कारण पौधे छोटे और झाड़ीनुमा दिखते हैं। गुच्छे के हरे अनखुले नर फूलों के नीचे उपस्थित छोटी पत्तियों पर भी कोमल फफूंदी हो जाती है। फूलों के गुच्छों में छोटी से बड़ी पत्तियाँ दिखती हैं।
प्रतिरोधी और संकर किस्में उगाएं।
हमेशा निवारक उपायों के साथ उपलब्ध जैविक उपचारों के मिलेजुल दृष्टिकोण पर विचार करें। बीजों का उपचार मेटालैक्सिल और मैंकोज़ेब युक्त दैहिक कवकनाशकों के साथ करें।
नुकसान का कारण कवक है, जो पत्तियों की दोनों सतह पर सफेद कोमल फफूंदी के रूप में बढ़ता है। संक्रमण का प्राथमिक स्रोत मिट्टी में मौजूद बीजाणु और मक्का के संक्रमित बीजों के निष्क्रिय माइसीलियम (फफूंद की रेशेदार, शाखानुमा संरचनाएं) हैं। एक बार जब कवक मेज़बान ऊतकों पर बसावट कर लेता है, तो रंध्र से स्पोरैंगियोफ़ोर (बीजाणु युक्त संरचनाएं) निकलते हैं और कोनिडिया (बीजाणु) का उत्पादन करते हैं, जो बारिश के छींटों और हवा से फैलकर आगे संक्रमण करते हैं।