पपीता

अल्टरनेरिया काले धब्बे और फल गलन

Alternaria alternata

फफूंद

संक्षेप में

  • लक्षणों को दो समूहों में बाँटा जा सकता है, काले धब्बे (ब्लैक स्पॉट) और केंद्र की सड़न (हार्ट रॉट)।
  • फलों और पत्तियों पर छोटे लालिमा लिए हुए कत्थई गोलाकार धब्बे दिखाई देते हैं।
  • धब्बे बढ़ कर आपस में मिलकर बड़े चकत्ते बनाते हैं और फलों का बाहरी हिस्सा सड़-गल जाता है।
  • हार्ट रॉट(सडन) के लक्षण स्पष्ट नहीं होते किन्तु बीजों के छिलके सड़े हुए होते हैं।

में भी पाया जा सकता है

8 फसलें

पपीता

लक्षण

यह कवक अनारों में दो तरह के लक्षण दर्शाता है जो आवश्यक नहीं कि एक साथ दिखाई दें। सामान्य रूप से काले धब्बे और फलों के केंद्र की सड़न कहलाने वाले ये लक्षण आम तौर पर अनार की किस्म पर निर्भर करते हैं। काला धब्बा रोग की विशेषता फलों और पत्तियों पर हरे पीले आभामंडल से घिरे हुए छोटे लालिमा लिए हुए कत्थई गोलाकार धब्बे (1-3 मिमी) हैं। रोग बढ़ने पर ये धब्बे बढ़कर आपस में मिलकर बड़े चकत्ते बन जाते हैं जो फलों की सतह के 50% हिस्से को ढंक लेते हैं। पत्तियों पर ये परिगलित हो जाते हैं और इसके कारण पत्तियां असमय झड़ जाती हैं। फलों का बाहरी हिस्सा सड़ने लगता है लेकिन खाए जाने योग्य हिस्से को क्षति नहीं पहुंचती है। छिलके का असामान्य रंग और फलों की आकृति में बदलाव केंद्र की सड़न (हार्ट रॉट) के बाहरी संकेत हो सकते हैं लेकिन अक्सर फल तोड़े जाने के समय तक स्वस्थ दिखाई देते हैं। उन्हें काट कर देखने पर ही बीजों के छिलकों की सड़न स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

सिफारिशें

जैविक नियंत्रण

अल्टरनेरिया अल्टरनेटा का प्रभाव समाप्त करने के लिए कोई जैविक उपचार उपलब्ध नहीं है। हालाँकि, अनार पर रोग नियंत्रण के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड पर आधारित उत्पाद प्रभावी पाए गए हैं।

रासायनिक नियंत्रण

हमेशा एक समेकित नज़रिये से रोकथाम उपायों के साथ-साथ उपलब्ध जैविक उपचारों को अपनाएं। फूल आने पर या फलों पर पहले लक्षण दिखाई देने के समय दो निवारक छिड़काव रोग पर अच्छा नियंत्रण देते हैं। प्रोपिकोनैजॉल, थियोफेनेट मिथाइल या एज़ोक्सीस्ट्राबिन पर आधारित उत्पाद भी अत्यधिक प्रभावी होते हैं। प्रतिरोध विकसित होने से रोकने के लिए निर्दिष्ट मात्रा का पालन करना और कवकनाशकों का अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल महत्वपूर्ण है।

यह किससे हुआ

काले धब्बे और केंद्र की सड़न के लक्षण अल्टरनेरिया परिवार के कई कवकों के कारण दिखाई दे सकते हैं किन्तु इसका मुख्य कारण अल्टरनेरिया अल्टरनेटा है। यह कवक आम तौर पर पौधों के अवशेषों, सूखे फलों और मिट्टी में जीवित रहता है। बाद में बीजाणु हवा द्वारा फूलों तक पहुँचते हैं। कीट और पक्षी वैकल्पिक रोगवाहक होते हैं। फूल खिलने के बाद की अवस्थाओं और फलों के विकास की शुरुआती अवस्था में लगातार वर्षा या नम मौसम संक्रमण के लिए अनुकूल होता है। केंद्र की सड़न आम तौर पर सिर्फ फल तोड़े जाने, भंडारण या परिवहन के समय ही दिखाई देती है। कवक अनार के फल के अन्दर बढ़ता है जिससे फल सड़ जाता है और बेचे जाने योग्य नहीं रहता।


निवारक उपाय

  • प्रमाणित स्रोतों से प्राप्त स्वस्थ पौधा सामग्री का इस्तेमाल करें।
  • खेतों में अच्छे जल-निकास की व्यवस्था करें क्योंकि पानी की कमी या अधिक पानी देने से फल फट जाते हैं।
  • पौधों का प्राकृतिक प्रतिरोध बढाने के लिए अपनी फ़सल में उचित मात्रा में उर्वरक का इस्तेमाल करें।
  • अपने पौधों या खेतों में रोग के संकेतों की निगरानी करें, विशेष तौर पर फूल खिलने के समय।
  • सभी प्रभावित फलों को एकत्रित करें और उन्हें जलाकर नष्ट कर दें।
  • फल तोड़ने के समय पेड़ों को हल्का हिलाने से स्वस्थ दिखने वाले संक्रमित फल भूमि पर गिराए जा सकते हैं।
  • खेतों से पुराने फलों और मृत शाखाओं को हटा दें।
  • अनारों की भली प्रकार छँटाई और ग्रेडिंग करने से भंडारण और परिवहन के दौरान रोग के फैलाव से बचा जा सकता है।

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