Puccinia substriata
फफूंद
पत्तियों के दोनो तरफ़, पीले से लेकर सफ़ेद धब्बे दिखाई देते हैं। ये धब्बे उभरे हुए सकते हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, धब्बे मिलकर लाल-संतरी व ज़ंग लगे रंग जैसे दानों का निर्माण करते हैं। दानों के किनारे पीले रंग के हो सकते हैं। बाद में ये दाने काले हो सकते हैं। पत्तियाँ संक्रमण की वजह से मर सकती हैं और गंभीर मामलों में पौधा गिर सकता है।
क्षमा कीजिए, हम पुच्चिनिया सब्स्ट्रिएटा के विरुद्ध किसी वैकल्पिक उपचार के बारे में नहीं जानते हैं। अगर इस रोग से लड़ने के लिए सहायक हो सकने वाले किसी उपाय के बारे में आप जानते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें। हमें आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।
बाजरे पर लगने वाली ज़ंग को नियंत्रित करने के लिए तांबे के यौगिक पदार्थों, क्लोरोथेलोनिल, सल्फ़र या मेन्कोज़ेब जैसे कवकनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है। छोटे किसानों के लिए, अधिकतर मामलों में कवकनाशक आर्थिक रूप से सस्ते साबित नहीं होते हैं।
रोगाणु कई विभिन्न प्रकार के वैकल्पिक पौधों को प्रभावित करते हैं, जैसे कि बैंगन और घास की कई प्रजातियाँ। यह फफूंद हवा से लंबी दूरी तक फैल सकता है। इसके अतिरिक्त, यह रोगाणु मिट्टी में, पौधों के अवशेषों में, और इस रोग से प्रभावित होने वाले वैकल्पिक पौधों पर जीवित रहता है। फफूंद के लिए ठंडी रातें और गर्म दिन, जिससे पत्तियों पर ओस बन सके, अनुकूल परिस्थितियाँ होती हैं। इसके कारण संक्रमण होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।