देखभाल
सोयाबीन क़िस्म का चयन करते समय, यह समझना होगा कि किस्में उगाये जाने वाले मौसम में अपनी उपयुक्तता के अनुसार भिन्न-भिन्न होती हैं। सोयाबीन के रोपण से पहले खेत के कीट इतिहास पर विचार किया जाना चाहिए। कुछ क़िस्मों में सबसे महत्वपूर्ण कीटों के लिए आनुवांशिक प्रतिरोध होता है। खेतों में विविधता सुनिश्चित करने के लिए सोयाबीन की कई क़िस्मों का रोपण करें। सोयाबीन, जीवाणु ब्रैडी राइज़ोबियम जैपोनिकम के साथ सहजीवन के माध्यम से नाइट्रोजन को निर्धारित कर सकता है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, रोपण से पहले बैक्टीरिया की सही प्रजाति को सोयाबीन के बीजों के साथ मिश्रित किया जाना चाहिए। सोयाबीन के बीजों को सतह से लगभग 4 सेंटीमीटर नीचे, और एक दूसरे से लगभग 40 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपना चाहिए। रोपण की सलाह तब दी जाती है जब मिट्टी का तापमान कम से कम 10 डिग्री सेल्सियस हो और बढ़ रहा हो।
मिट्टी
सोयाबीन उगाने के लिए स्वस्थ, उपजाऊ, व्यवहार्य मिट्टी फ़ायदेमंद होती है। सूखा लेकिन थोड़ा नम रखने की क्षमता के कारण विशेष रूप से दोमट मिट्टी अच्छी तरह से काम करती है। सोयाबीन पौधे लगभग 6.5 पीएच के साथ अल्प अम्लीय मिट्टी को पसंद करते हैं। फसल समुद्र स्तर से 2000 मीटर तक की ऊंचाई तक उगाई जा सकती है।
जलवायु
सोयाबीन आमतौर पर मध्यपश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिणी कनाडा जैसे शीतोष्ण तापमान वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है, लेकिन इंडोनेशिया जैसी उष्णकटिबंधीय जलवायु भी अच्छे परिणाम देती हैं। यह फसल विकास के दौरान गर्म मौसम, पर्याप्त पानी एवं सूर्य के प्रकाश वाली लगभग हर जगह में उग सकती है। सोयाबीन उप-हिमकारी तापमानों द्वारा क्षतिग्रस्त हो सकती है, लेकिन वे मकई जैसी कई अन्य फ़सलों से कम संवेदनशील हैं। सोयाबीन को 20 डिग्री सेल्सियस और 40 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमानों तथा कम से कम 500 मिलीमीटर पानी वाली वृद्धि ऋतुओं की भी ज़रूरत होती है। दिन की लंबाई सोयाबीन के फसल उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जहां दिन की लंबाई 14 घंटो से कम होती है वहां अच्छी उपज हासिल होती है।