देखभाल
जब आपके पौधे लगभग 8 से 10 मीटर ऊँचे हों, तो उनकी छंटाई कर कम घना बनाएं, जिससे वे एक दूसरे से 20 से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रहें। ध्यान रखें कि निराई करते समय जड़ों को नुकसान न पहुँचे। सुनिश्चित करें कि मिट्टी अच्छी जलनिकासी वाली हो तथा नमी का एक समान स्तर बनाये रखने में समर्थ हो। शुष्क परिस्थितियों में यह आवश्यक है कि पौधों को पानी दिया जाए ताकि उथली जड़ों को नम बनाये रखना सुनिश्चित हो सके।
मिट्टी
ज़ी मेज़ (मकई) अच्छी जलनिकासी वाली और उपजाऊ चिकनी या कछार की मिट्टी में सबसे अच्छी तरह उगती है। हालांकि, मकई को बलुही से लेकर दोमट तक विविध प्रकार की मिट्टी में उगाना सम्भव है। यह फ़सल मिट्टी की अम्लता के प्रति सहनशील होती है। मिट्टी की अम्लता को चूने का प्रयोग करके निष्क्रिय करने से उपज बढ़ाई जा सकती है।
जलवायु
मकई को पूरे विश्व मे उगाए जाने का एक कारण यह है कि यह विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों में उगने की क्षमता रखता है। हालांकि, मध्यम तापमान और वर्षा इसकी फ़सल के लिए सबसे अनुकूल होते हैं।